शुक्रवार, जुलाई 15, 2011

सरकार की आपबीती...

धमाका हुआ मुंबई मैं
दिल्ली में हिली सरकार,
बाबा - अन्ना शांत हो गए
अब इसका क्या उपचार...
अब इसका क्या उपचार...
मीडिया फिर से जागा
सरकार निकम्मी है का
फिर से राग अलापा,
एक मुसीबत टली नहीं
कि दूसरी आ जाती है,
जैसे - तैसे सम्हले पर
कुर्सी हिल जाती है...
क्या करें कैसे खाएं
लोग खाने नहीं देते हैं
बड़ी मुश्किल से मिली है सत्ता
मज़ा उठाने नहीं देते हैं...
कान पकड़ते हैं कि अब
सत्ता में नहीं रहेंगे,
बैठ विपक्षी दल में
मलाई काटा करेंगे...

1 टिप्पणी:

  1. "Hote rahe yun hi bomb dhamake,
    Kyun karu mein fikra, ae yaar?
    Mein poojari bus Maya ka,
    Meri ibaadat hai bhrashtachaar...!"

    I guess this is what our leaders have to say...

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