सोमवार, जुलाई 11, 2011

हर किसी का अपना तरीका है ज़िन्दगी का ...

हर किसी का अपना
    तरीका है ज़िन्दगी का
        हर किसी का अपना
             अंदाज़ अलग है...
फिर क्या गलत
      और क्या सही
            ये बात अलग है...
लोग अक्सर समझते हैं कि 
     मदहोश करती है शराब,
          फिर कोई पी के होश में आये
                        ये बात अलग है...
नालियों को अक्सर
     जोड़ा जाता है गन्दगी से,
          कोई समझे उसी को बिस्तर
                    ये बात अलग है...
कहते हैं धुम्रपान से
    ख़राब होते हैं फेफड़े,
         किसी का खुलता है दिमाग इसी से
                        ये बात अलग है...
कोई उल्टी-सीधी हरकतें करे
   तो कहती है दुनिया पागल,
         अब वो दुनिया को पागल समझे
                        ये बात अलग है...
लोग सुनते तो हैं सबकी
     पर करते हैं अपने मन की
             हम फिर भी समझाए जाते हैं
                        ये बात अलग है....

2 टिप्‍पणियां: