गुरुवार, दिसंबर 30, 2021

रविवार, दिसंबर 19, 2021

कुछ पकौड़े चाय के संग शाम रविवार की...

alt="KUCHH PAKOUDE"
#tea, #sunday, #missing, #चाय, #रविवार, #याद, #यार, #प्यार, #love, #इश्क, #मोहब्बत, #पकौड़े, #विरह

सोमवार, अगस्त 30, 2021

हे माखन के चोर तुम्हारा स्वागत है...

alt="HE MAKHAN CHOR"

हे माखन के चोर तुम्हारा स्वागत है
हे राधा चितचोर तुम्हारा स्वागत है
आओ लाओ सतयुग त्रेता द्वापर तुम
ये कलियुग घनघोर तुम्हारा स्वागत है...

छेड़ो ऐसी बंसी की धुन जग झूमे
तुम बोलो जैसे वैसे ही जग घूमे
कर दो कुछ ऐसा कि प्रेम की पवन चले
हे मनमोहन आओ तुम्हारा स्वागत है...

फिर से मित्र सखाओं का तुम नारा दो
व्याप्त अनैतिकताओं को घाव करारा दो
दिखलाओ लीला ऐसी कि पाप मिटे
हे लीलाधर आओ तुम्हारा स्वागत है...

दो गीता का ज्ञान सभी को नई तरह से
खोलो अंतर्मन के द्वार सभी के नई तरह से
काम क्रोध मद मोह सभी की अति रोको
हे योगिराज - हे कृष्ण तुम्हारा स्वागत है
हे 'सबसे चर्चित मित्र' तुम्हारा स्वागत है...

सभी इष्टमित्रों के लिये जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामना सहित...

- विशाल चर्चित

#janmashtmi  #जन्माष्टमी  #कृष्ण  #krishna

रविवार, अगस्त 15, 2021

नमन् उन्हें जो आजादी की खातिर सबकुछ भूल गये...



नमन् उन्हें जो आजादी की
खातिर सबकुछ भूल गये,
हँसते-हँसते 'जय हिन्द' बोला
और फाँसी पर झूल गये...

नमन् उन्हें जो सबकुछ था पर
देश की खातिर छोड़ दिया,
आजादी दी, सत्ता सौंपी
और दुनिया को छोड़ दिया...

नमन् उन्हें कि जो सीमा पर
प्रहरी बनकर रहते हैं,
देश सुरक्षित रहे इसलिये
हर दुख सहते रहते हैं...

नमन् उन्हें जो गश्त पे रहते
हर मौसम - हर हाल में,
जो समा गये जनता की ख़ातिर
स्वयं काल के गाल में...

नमन् उन्हें जो देश को लाये
आजादी के बाद यहाँ तक,
मुश्किल हालातों से उबारा
आबादी को आज यहाँ तक...

नमन् उन्हें जो देश का परचम
दुनिया में लहरा आये,
नमन् उन्हें जो अंतरिक्ष में
अपना तिरंगा फहरा आये...

नमन् उन्हें जो अपने क्षेत्र में
अर्जित करते सदा विशेष,
नमन् उन्हें जो देश को हर दिन
अर्पित करते सदा विशेष...

नमन् उन्हें जो करते कार्य
जाति-धर्म से ऊपर उठकर,
कोई मुसीबत में हो दौड़ते
निज स्वार्थों से ऊपर उठकर...

नमन् उन्हें जो अपने अलावा
और्रों के बारे में सोचते,
चाहे जैसे भी हो देश को
सुदृढ़ करते और जोड़ते...

नमन् उन्हें जो ये 'चर्चित' का
संदेश पढ़ेंगे - सोचेंगे,
देश की ख़ातिर सही मार्ग पर
पूरे जोश से हो लेंगे...

जय हिंद - जय भारत
..... वंदे मातरम .....

- विशाल चर्चित

शुक्रवार, जून 11, 2021

सोनू यार मोनू यार बारिश कितनी अच्छी यार...

alt="SONU YAAR MONU YAAR"
सोनू यार मोनू यार
बारिश कितनी अच्छी यार,
मम्मी बोली नहीं भीगना
छतरी कितनी छोटी यार...

चल कागज की नाव बनायें
पानी में उसको तैरायें,
तितली रानी को भी उसमें
बिठा के दोनों सैर करायें...

अरे देख तो वो है चींटा
चींटे पर चल मारें छींटा,
अच्छा बेचारे को छोड़
आ हम दोनों खायें पपीता...

वाह मस्त क्या हरियाली है
लगता जैसे खुशहाली है,
ठंडी-ठंडी हवा बह रही
दिल को खुश करने वाली है...

पापा कहते पढ़-पढ़-पढ़
होता जा रहा तू मनबढ़,
कीचड़-पानी में मत खेल
नये बहाने तू मत गढ़...

पापा को कैसे समझायें
हम बच्चे कैसे बंध जायें,
बारिश हो और हम ना भीगें
क्या हम भी पापा बन जाये?

- विशाल चर्चित

#childhood #children #friendship #बचपन #दोस्ती #यार #rain #बारिश

शनिवार, मई 15, 2021

कोरोना, प्रमाण है ईश्वर का...

alt="CORONAPRAMANHAIIESHWARKA"
कोरोना,
प्रमाण है ईश्वर का
उसकी अलौकिक सत्ता का,
समस्त सृष्टि पर नियंत्रण
और व्यवस्था का...

कोरोना,
एक चेतावनी है
मानवीय अति के विरुद्ध,
जिससे प्रकृति को
हो रही क्षति के विरुद्ध...

कोरोना,
एक संकेत है
वैश्विक परिवर्तन का,
किसी के लिये उत्थान
तो किसी के लिये
विनाश एवं पतन का...

कोरोना,
एक अवसर है
किसी के लिये
पाप का-नीच-कर्म का,
तो किसी के लिये है
पुण्य का-सत्कर्म का...

कोरोना,
एक परीक्षा है
शासन-प्रशासन के लिये
सभी द्रोणों के लिये भी
सभी अर्जुनों, भीमों
दुर्योधनों-दुशासनों के लिये भी...

कोरोना,
लाया है संदेश
किसी के लिये शोक का
संताप का - विलाप का,
तो बहुतों के लिये
उत्सव का, आमोद-प्रमोद का
रास का, हास - परिहास का...

कोरोना,
एक पड़ाव है
कलियुग का,
संस्कारों में व्याप्त
हो रही विकृतियों का,
अति-स्वार्थवश संकुचित होते
मानवीय नैतिक क्षितिजों का...

- विशाल चर्चित

गुरुवार, मई 06, 2021

चहुँओर मृत्यु का हो तम जब...

alt="CHAHUOARMRITYUKAHOTAMJAB"

चहुँओर मृत्यु का हो तम जब
ये हृदय प्रकाशित कैसे हो,
जब घोर उदासी जीवन में
व्यवहार सुवासित कैसे हो...

कैसे मैं दिलासा दूँ झूठी
कैसे मैं कहूँ हाँ संभव है,
कैसे मैं बनूं स्वार्थी इतना
इस जीवन में ये असंभव है...

है ये ही प्रयास जियूँ जब तक
मुझसे कोई अन्याय न हो,
ना कोई हृदय हो व्यथित और
मेरे प्रति उसमें हाय न हो...

उपलब्धि बड़ी - यश - कीर्ति बड़ी
पद - मान की कोई भी चाह नही
कर्तव्य समस्त हों यदि पूरे
फिर इससे उत्तम राह नहीं...

हे ईश ये शीश झुके न कभी
ना कष्ट असाध्य ही आए कभी,
इतनी क्षमता तो प्रदान करो
कोई आये तो खाली न जाये कभी...

- विशाल चर्चित

#corona_poetry, #covid_poetry, #sadness, #कोरोना_कविता, #कोविड_कविता, #मातम

गुरुवार, अप्रैल 29, 2021

कोई दवा दे रहा कोई दुआ दे रहा...

alt="A POETRY ON BLACKMARKETTING"
#corona_shayri, #covid_shayri, corona_poetry, #covid_poetry
#कोरोना_कविता, #कोविड_कविता, #कोरोना_शायरी, #कोविड_शायरी

गुरुवार, अप्रैल 22, 2021

लॉकडाउन के चार विचित्र दृश्य

alt="LOCKDOWN FUNNY POETRY"


........... दृश्य - 01 ............

ब्रेड - बटर - टी ले माँ आयी
उठ ना बेटा धूप हो आयी,
देर रात तक मत जागा कर
इतनी अच्छी नहीं पढ़ाई...

माँ के जाते ही फोन आया
लगा कलेजा मुंह को आया,
वो बोली कि मैं गुस्सा हूँ
मुझसे मिलने क्यों नही आया...

लड़का बोला सॉरी बेबी
तू ही माता - तू ही देवी,
लॉकडाउन तक रुक जा वर्ना
पुलिस दोनों को ही लट्ठ देगी...

........... दृश्य - 02 ............

जब से लॉकडाउन है यार
जीना समझो है दुश्वार,
घरवाली तो मौज में है पर
ऑफिसवाली बेकरार...

जब भी फोन करेगी रोना
बहुत मिसिंग यू माई सोना,
और बताओ तुम कैसे हो
मुझसे दूर ठीक तो हो ना...?

पत्नी बोली फोन रखो ना
सारे हैं बर्तन तुमको धोना,
मियां मजनूँ के मन में गूँजा
काश इसको हो जाये कोरोना...

........... दृश्य - 03 ............

श्रीमती जी का है फरमान
कंट्रोल करो अब खान - पान,
लॉकडाउन में फैल रहे सब
शुरू करो योगा अभियान...

बच्चे तो ख़ैर हल्के - फुलके
योगा भी मस्ती में करते,
श्रीमान् जी होशियार हैं
आसान - आसान आसन करते...

लेकिन श्रीमती का जोश
वजन के चक्कर में ना होश,
धनुरासन में मोच आ गयी
पड़ी हैं बिस्तर पर बेहोश...

........... दृश्य - 04 ............

लॉकडाउन में सारे घर पर
सबका जिम्मा है टीवी पर,
एक रिमोट तो छीना-झपटी
टूट गया है वो भी गिरकर...

बच्चों को कार्टून देखना
भैया जी को क्रिकेट देखना,
भाभी जी सीरियल की प्यासी
दादी को प्रवचन है देखना...

ऐसे में टाइम टेबल बेस्ट
टीवी को सिर्फ रात को रेस्ट,
और एक दिन हुआ जो बंद
मेकेनिक बोला 'इट्स डेड'...

- विशाल चर्चित

#lockdown_hasya,  #lockdown_vyangya, #lockdown_satire, #लॉकडाउन_हास्य, #लॉकडाउन_व्यंग्य, #लॉकडाउन_कविता, 


रविवार, अप्रैल 18, 2021

फिर कोरोना फिर से मौतें...

फिर कोरोना फिर से मौतें
बोलो कविता कैसे हो,
हर तरफ है त्राहि - त्राहि
बोलो कविता कैसे हो...?

कैसे रोमांटिक हों बातें
जबकि अपने हाॅस्पिटल में,
महफ़िलें मायूस सारी
बोलो शायरी कैसे हो...?

हर तरफ फैली उदासी
हर तरफ कोहराम है,
हर तरफ रोने की बातें
हँसना - हँसाना कैसे हो...?

जिस तरफ जाती नज़र है
सिर्फ़ अँधेरा दिख रहा,
ऐसे में पहचान कल के
रास्तों की कैसे हो...?

क्या करें कमियाँ गिनाएँ
या निभायें अपने फ़र्ज़,
लाभ उठाते इस घड़ी का
बोलो उनको क्या कहें...?

- विशाल चर्चित

#covidpoetry, #covidpoetry, #lockdown, #कोरोना_कविता, #कोविड_कविता

मंगलवार, अप्रैल 13, 2021

कहीं कोरोना - कहीं चुनाव...

कहीं कोरोना - कहीं चुनाव
कहीं पे बंदी - कहीं जमाव,
ग़ज़ब तरक्की पे पहुँचे हम
घर में बैठ कमाव - खाव...

ग़ज़ब बीमारी एक साल से
नाम कोरोना नाइन्टीन,
कोई कहे अमरीका लाया
कोई कहता लाया चीन...

एक थाली के चट्टे-बट्टे
दोनों चाह रहे थे राज,
यही वजह ले आये वायरस
और गिरा दी है ये गाज़...

हमने भी खूब नाम कमाया
थाली पीटी दिया जलाया,
लगा कोरोना चला गया है
लेकिन ये तो फिर लौट आया...

अब सोचा सब भाड़ में जाये
बाल बढ़ायें - दाढ़ी बढ़ायें,
साधु - संत लगें ताकि हम
थोड़े और महान हो जायें...

देश से बाहर बहुत हो चुका
अब राज्यों पर ध्यान लगायें,
जहाँ नहीं है अपनी सत्ता,
वहीं पे जाकर धुनी रमायें...

बढ़े कोरोना बढ़ते - बढ़ते
दिल्ली के बाॅर्डर पर जाय,
जितने भी नेता किसान हैं
सबको हाॅस्पिटल ले जाय...

हाहाकार मचे चहुँ ओर
तब हम फिर टीवी पर आयँ,
कहें भाइयों - बहनों आओ
हम फिर से एकजुट हो जायँ...

आज रात को आठ बजे सब
अपनी - अपनी छत पर आय,
दो गज दूर हो मास्क लगाकर
अबकी माथा पीटा जाय...

नये तरीके की वैक्सीन
जल्दी से बनवायी जाय,
इधर - उधर का बहुत हो चुका
अब इससे क्रांति लायी जाय...

अलग-अलग टाइप की वैक्सीन
लगवाना अनिवार्य हो जाय,
आपात स्थिति है बोल के सबको
एक तरफ से ठोंकी जाय...

वैक्सीन में ऐसा कुछ हो
लगते ही सब मस्त हो जायँ,
जितने भी विरोध करते हों
सारे भजन - कीर्तन गायँ...

पाक - बांग्लादेश - श्रीलंका
इनको तो दें फ्री वैक्सीन,
ताकि ये एक सुर में बोलें
भारत दोस्त है - दुश्मन चीन...

हँसी - हँसी में बात कही ये
लेकिन बात बड़ी ग॔भीर,
काँटे से काँटा निकले है
ज़हर से जाये ज़हर की पीर...

कहते हैं 'चर्चित' कि जागो
ओ माय ह्वाइट दाढ़ी मैन,
छोड़ इलेक्शन हिस्ट्री सोचो
कम आॅन डू इट यू कैन...

- विशाल चर्चित

#corona_poetry,  #covid_poetry,  #corona_hasya, #covid_hasya, #corona_satire,  #covid_satire, #corona_vyangya, #कोरोना_कविता, #कोरोना_हास्य, #कोरोना_व्यंग्य, #कोविड_कविता, #कोविड_हास्य, #कोविड_व्यंग्य 

मंगलवार, मार्च 30, 2021

चर्चित की मानो नशा मत ही छानो...

होली का रंग है
मिली इसमे भंग है
बुरा मानना मत
निश्छ्ल उमंग है

पीकर के पौवा
बना शेर कौवा
नशे मे खड़ा कर
दिया एक हौवा

किसी का दुपट्टा
जो लै भागा पट्ठा
दिया खींच करके
है गोरी ने चट्ठा

फिर भी न हारा
कीचड्‍ दे मारा
कहा प्राणप्यारी
मैं प्रियतम तुम्हारा

वो बोली जाओ
हमें ना फंसाओ
उल्लू हो उल्लू
मुंह धो के आओ

बड़ा ढीठ बंदा
पकड़ करके कंधा
पहलवान माइन्ड
दिया एक रंदा

गर्दन अकड़ गई
चंडी सी चढ़ गई
बाला तो हाय कर
वहीं सीधी पड़ गई

जनता इकट्ठी
लिये हाथ लट्ठी
मजनूं की गीली
हुई अब तो चड्ढी

बड़ी मार खाई
पड़ा चारपाई
मुहब्बत ने हड्डी
की भूसी बनाई

सबक ये मिला है
कि जो मनचला है
उसी का मुसीबत
में हरदम गला है

चर्चित की मानो
नशा मत ही छानो
नहीं तो फंसोगे
बुरे खूब जानो...

/// होली मुबारक ///

- विशाल चर्चित

रविवार, मार्च 28, 2021

जोगीरा सारारारारा - जोगीरा सारारारारा...

हमने फेंका गुब्बारा है भरके कई रंग
आओ होली खेलें दोस्तों शुभकामना के संग
जोगीरा सारारारारा - जोगीरा सारारारारा......

खुशियों की अबीर बरसे और बरसे ढेरों प्यार
जीवन में सबके हो हमेशा हँसती हुई बहार
जोगीरा सारारारारा - जोगीरा सारारारारा......

जो, जो चाहे - वो, वो पाये, कोई चाहत ना बच पाये
जब देखें-जिसको देखें हम - हँसता हुआ नजर आये
जोगीरा सारारारारा - जोगीरा सारारारारा......

धन-दौलत-इज्जत-शोहरत, कहीं कमी कोई ना हो
हे ईश्वर, कुछ ऐसा कर कि दीन दुखी कोई ना हो
जोगीरा सारारारारा - जोगीरा सारारारारा......

सभी जगह हो अमन - चैन, एकता औ भाईचारा हो
सभी दिलों में मानवता - नैतिकता का बोलबाला हो
जोगीरा सारारारारा - जोगीरा सारारारारा......

'चर्चित' की है चाह यही, हरा - भरा सुखमय संसार
यही कुदरती रंग है सच्चा, होली का असली शृंगार
जोगीरा सारारारारा - जोगीरा सारारारारा......

एक बार फिर से -

/////// होली बहुत - बहुत मुबारक ///////

- विशाल चर्चित

गुरुवार, मार्च 25, 2021

बीत गयी लॉकडाउन की महाकाली वर्षगाँठ...

alt="LOCKDOWNANNIVERSARY"

बीत गयी लॉकडाउन की
महाकाली वर्षगाँठ,
इससे जुड़ी हरेक याद
बन गयी है हृदय पर
जैसे मजबूत गाँठ...

इसमें ही बहुत सारा
कामकाज गया,
अर्थव्यवस्था का
एक बड़ा हिस्सा गया,
तमाम लोग जान
से भी गये,
लॉकडाउन भी गया
पर कोरोना नहीं गया,
और लगता है ऐसा
कि दो-चार साल अभी
जायेगा भी नहीं...

इसका कारण है -
केन्द्र व्यस्त है
पांच राज्यों के चुनाव में,
विपक्ष व्यस्त है मोदी पर
सिर खुजाव में,
अफसर व्यस्त हैं इधर - उधर
खिचड़ी पकाव में...

अमीर जनता मस्त है
छुट्टी मनाई में,
मनोरंजन कराई में,
मध्यम वर्ग व्यस्त है
माहौल पर चर्चा कराई में,
और गरीब मजदूर व्यस्त हैं
सिर पिटाई में,
हाय - हाय कराई में...

व्यापारी कंपनियाँ व्यस्त हैं
लूट और महँगाई में,
अस्पताल और फार्मावाले
व्यस्त हैं मौका भुनाई में...

जाँच की किट ऐसी कि
जो भी आये
कोरोना पॉजिटिव हो जाये,
देखने में भले ही
हो तगड़ा-हट्टा-कट्टा,
पर डर का कीड़ा उसमें भी
ऐक्टिव हो जाये...

अच्छा होगा अब से भी जो
सारे होश में आ जायें,
कामकाज - अर्थव्यवस्था
यानी देश पटरी पर आ जाये,
वर्ना कहीं ऐसा ना हो कि
जनता सड़कों पर आ जाये,
लोकतंत्र की हत्या करके
साम्यवाद वो ले आये...

- विशाल चर्चित

#corona_lockdown, #covid_lockdown, #कोरोना_लॉकडाउन, #कोविड_लॉकडाउन

शुक्रवार, मार्च 19, 2021

एक चिड़िया कह रही थी...

alt="BIRDTALKING"
एक चिड़िया कह रही थी
ओ मनुज तू भी न उड़,
हमको उड़ती देखकर
तू तो न जल - तू तो न कुढ़...

तू रहे महलों में
सोये तू बढ़िया पलंग पर,
तो हमने कभी कुछ कहा क्या?
तेरी पकवानों की थाली पर
ध्यान हमारा रहा क्या?
देख तू भी स्वार्थ में
अंधा न हो - ऐसे न मुड़...

तू कहाँ सत्तर किलो का
और हम सत्तर ग्राम के,
तू कहाँ इतना है भारी
हम तो केवल नाम के,
हमको पुरवाई है काफी
तुझको आंधी भी है कम,
इसलिए बेकार में
क्यों करे है फुर्र - फुर्र...

ना तो तू कोई बाज-गिद्ध
ना कोई तू सांप है,
जिसने तुझको अक्ल दी
वो ऊपर बैठा बाप है,
अहं तज - शुभ कर्म कर
हमसे न जुड़- उससे तो जुड़...

- विशाल चर्चित

#bird, #human, #hindi, #poetry, #चिड़िया, #मनुष्य, #हिन्दी, #कविता

सोमवार, मार्च 15, 2021

चाय तू व्हिस्की न बन - उसकी तरह बिजली न बन...


चाय तू व्हिस्की न बन
उसकी तरह बिजली न बन,
उसकी देखा-देखी तू भी
उस सी ज़हरीली न बन...

तू कहाँ मीठी ओ भोली
और वो छप्पन छुरी,
तू है अच्छी हर तरह से
जबकि वो आगे बुरी...

ताज़गी दे तू जगाती
जबकि वो तो नींद लाती,
एक तू कि होश लाती
एक वो पागल बनाती...

फिर भी कहता हूँ कि
उसके चक्करों से दूर रह,
ऐसा ना हो कि कभी
तू भी नशे में चूर हो..

देख मैं एक आम इंसाँ
कप ओ प्याले कम ही हैं,
ये न हो तेरी वजह से
वो भी चकनाचूर हों..

ये न हो कि श्रीमतीजी
सौतन तुझे घोषित करें,
मायके से सेना लेकर
युद्ध वो घोषित करें...

इसलिए चर्चित की विनती
जैसी तू वैसी ही रह,
नाज़-नखरे-जादू-टोने
दुनियादारी से परे
तू तो मेरी सबसे अच्छी
प्यारी बच्ची जैसी रह...

- विशाल चर्चित

#tea, #whisky, #wine, #liquor, #poetry, #kavita, #hindi,
#चाय, #शराब, #व्हिस्की, #दारू, #कविता, #शायरी, #हिन्दी

रविवार, मार्च 14, 2021

'मृगमरीचिका' में ही जीवन सत्यानाश न हो...

ALT="ONESIDEDLOVE"

#onesided_love, #confused, #mirage, #love, #romantic_poetry
#romantic_shayri, #एकतरफा_प्रेम, #भ्रमित, #मृगमरीचिका, #प्यार,
#इश्क, #मुहब्बत, #कविता, #शायरी

मंगलवार, मार्च 02, 2021

पक ही जाती है 'इश्किया खिचड़ी'...

alt='ISHQIYA_KHICHADI'
चूल्हा यहाँ पर
पतीला वहाँ पर,
फिर भी पक ही
जाती है
'इश्किया खिचड़ी',
जिससे आ जाता है
जायका ज़िन्दगी में,
और लगती है चलने
जैसे कि फिसली...

एक का चावल
दूसरे की दाल,
मुलाक़ात हो तो
तड़का कमाल...

कभी आ ही जाती है
बातों में मिर्ची,
कभी हो ही जाती हैं
नज़रें भी तिरछी...

कुछ खोजते हैं तब
तोहफ़े की लस्सी,
तो कुछ ढूंढते
आत्महत्या की रस्सी...

- विशाल चर्चित 
#ishqiya_khichdi, #इश्किया_खिचड़ी, #love, #ishq, #pyar, #prem, #kavita, #poetry, #shayari, #प्रेम, #प्यार, #इश्क, #मुहब्बत, #कविता, #शायरी

रविवार, फ़रवरी 14, 2021

प्रेम - प्रेम चिल्लाय रहेव है...

दर्जन भर का दिल बाँटेव औ
प्रेम - प्रेम चिल्लाय रहेव है,
इधर - उधर मुँह मारत हौ तुम
कूकुर से बनि जाय रहेव है...

वलेन्टइनवा भारत आयेस
जाइ के सबका ब्याह पढ़ायेस,
सब गोरन का मनई बनायेस,
औ अब तुम उनसे कचरा लइके
अइसी - तइसी कराय रहेव है...

बात गौर से सोचव कि ई
कौन सभ्यता लाय रहेव है,
एह तरह औलादन का तुम
पाठ कौन तुम पढ़ाय रहेव है...

कहैं 'चर्चित' कविराय सुनौ
तुम भले दर्जनभर भाय
बहिन औ मित्र बनाओ,
लेकिन दिल तौ बाबू
एकय से ही लगाओ,
अउर फिर आवय
आंधी या तूफान मगर
तुम वही का ब्याह के
अपने जीवन मा लाओ
औ जीवनभर साथ निभाओ...

बात समझ मा आई या कि
ओइसे मुंडी हिलाय रहेव है,
चाल-चलन बदलव वर्ना खुद
अपने पैर मा कुल्हाड़ी चलाय रहेव है...

HAPPY VALENTINE'S DAY

- विशाल चर्चित

 #valentine, #love, #prem, #ishq, #pyar, #mohabbat, #poetry, #satire, #वैलेन्टाइन, #प्रेम, #प्यार, #इश्क, #मोहब्बत, #कविता, #व्यंग्य

मंगलवार, फ़रवरी 02, 2021

सोमवार, फ़रवरी 01, 2021

शनिवार, जनवरी 02, 2021

नया साल - नयी नज़्म...

alt="NEWYEARNAZM"
सबकुछ न बदले
पर इतना तो बदले,
कि इन्सान अपनी ही
फितरत न बदले...

मौसम न बदले
तो तासीर बदले,
हवाओं का रुख और
खुशबू तो बदले...

जीना न बदले
मरना न बदले
मगर बीच की जंग
का मंजर तो बदले...

रिश्ते न बदलें
जमाना न बद्ले
मगर नकली दिखना
दिखाना तो बदले...

नेता न बदलें
सियासत न बदले
जनता का बातों
में आना तो बदले...

कहते हैं चर्चित
नये साल पर ये
कि यारों का यूं
मुस्कुराना न बदले...

- VISHAAL CHARCHCHIT

#new_year, #naya_saal, #nav-varsh, #नया_साल, #नव_वर्ष

शुक्रवार, जनवरी 01, 2021

2021 से लौटेंगी सभी मुरझाये चेहरों पर मुस्कुराहटें...

2021 से लौटेंगी सभी मुरझाये चेहरों पर मुस्कुराहटें...

बीत गया 2020...
एक भयावह सपने की तरह
एक भीषण दुर्घटना की तरह
एक भयानक तूफान की तरह...

आया और उड़ा ले गया
तमाम लोगों की ज़िन्दगियाँ,
तमाम लोगों के अपनों को,
तमाम लोगों की सेहत को
और तमाम लोगों के रोज़गार को...

आया और दे गया
बहुत कुछ खो देने का ख़ौफ़
कई महीनों की क़ैद
मुँह छिपाये रखने और
खुली हवा में साँस
न ले पाने की सज़ा...

ख़ैर, बीत ही गया सबकुछ
और आ गया 2021 का नया साल...
उम्मीद है कि ये लगायेगा
सभी के घावों पर मरहम,
सभी को देगा राहत
सभी अब ले सकेंगे चैन की साँस...

सभी के फिर से शुरू हो सकेंगे
रोज़गार - काम - धंधे,
फिर से भर सकेंगी सभी की
खाली हो चुकी जेबें,
लौट सकेंगी फिर से सभी के
मुरझाये चेहरों पर मुस्कुराहटें...

इसी उम्मीद के साथ सभी को
नया साल मुबारक़ !!!

- विशाल चर्चित