फिर कोरोना फिर से मौतें
बोलो कविता कैसे हो,
हर तरफ है त्राहि - त्राहि
बोलो कविता कैसे हो...?
कैसे रोमांटिक हों बातें
जबकि अपने हाॅस्पिटल में,
महफ़िलें मायूस सारी
बोलो शायरी कैसे हो...?
हर तरफ फैली उदासी
हर तरफ कोहराम है,
हर तरफ रोने की बातें
हँसना - हँसाना कैसे हो...?
जिस तरफ जाती नज़र है
सिर्फ़ अँधेरा दिख रहा,
ऐसे में पहचान कल के
रास्तों की कैसे हो...?
क्या करें कमियाँ गिनाएँ
या निभायें अपने फ़र्ज़,
लाभ उठाते इस घड़ी का
बोलो उनको क्या कहें...?
- विशाल चर्चित
#covidpoetry, #covidpoetry, #lockdown, #कोरोना_कविता, #कोविड_कविता
बोलो कविता कैसे हो,
हर तरफ है त्राहि - त्राहि
बोलो कविता कैसे हो...?
कैसे रोमांटिक हों बातें
जबकि अपने हाॅस्पिटल में,
महफ़िलें मायूस सारी
बोलो शायरी कैसे हो...?
हर तरफ फैली उदासी
हर तरफ कोहराम है,
हर तरफ रोने की बातें
हँसना - हँसाना कैसे हो...?
जिस तरफ जाती नज़र है
सिर्फ़ अँधेरा दिख रहा,
ऐसे में पहचान कल के
रास्तों की कैसे हो...?
क्या करें कमियाँ गिनाएँ
या निभायें अपने फ़र्ज़,
लाभ उठाते इस घड़ी का
बोलो उनको क्या कहें...?
- विशाल चर्चित
#covidpoetry, #covidpoetry, #lockdown, #कोरोना_कविता, #कोविड_कविता
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भाई जी🙏🙏🙏
हटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार ( 19-04 -2021 ) को 'वक़्त का कैनवास देखो कौन किसे ढकेल रहा है' (चर्चा अंक 4041) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
मेरी रचना को चर्चा मे शामिल करने के लिये आपका हृदय से आभार🙏🙏🙏
हटाएंआपकी अभिव्यक्ति संवेदनशीलता से ओतप्रोत है। हार्दिक अभिनंदन आपका।
जवाब देंहटाएंआपका हृदय से आभार भाई 🙏🙏🙏
हटाएंबेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुक्रिया जी 🙏🙏🙏
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद आपका🙏🙏🙏
हटाएंबहुत सुन्दर और सामयिक रचना।
जवाब देंहटाएंप्रणाम एवं आभार सर🙏🙏🙏
हटाएं