शनिवार, मई 15, 2021

कोरोना, प्रमाण है ईश्वर का...

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कोरोना,
प्रमाण है ईश्वर का
उसकी अलौकिक सत्ता का,
समस्त सृष्टि पर नियंत्रण
और व्यवस्था का...

कोरोना,
एक चेतावनी है
मानवीय अति के विरुद्ध,
जिससे प्रकृति को
हो रही क्षति के विरुद्ध...

कोरोना,
एक संकेत है
वैश्विक परिवर्तन का,
किसी के लिये उत्थान
तो किसी के लिये
विनाश एवं पतन का...

कोरोना,
एक अवसर है
किसी के लिये
पाप का-नीच-कर्म का,
तो किसी के लिये है
पुण्य का-सत्कर्म का...

कोरोना,
एक परीक्षा है
शासन-प्रशासन के लिये
सभी द्रोणों के लिये भी
सभी अर्जुनों, भीमों
दुर्योधनों-दुशासनों के लिये भी...

कोरोना,
लाया है संदेश
किसी के लिये शोक का
संताप का - विलाप का,
तो बहुतों के लिये
उत्सव का, आमोद-प्रमोद का
रास का, हास - परिहास का...

कोरोना,
एक पड़ाव है
कलियुग का,
संस्कारों में व्याप्त
हो रही विकृतियों का,
अति-स्वार्थवश संकुचित होते
मानवीय नैतिक क्षितिजों का...

- विशाल चर्चित

14 टिप्‍पणियां:

  1. सादर नमस्कार,
    आपकी प्रविष्टि् की चर्चा रविवार ( 16-05-2021) को
    "हम बसे हैं पहाड़ों के परिवार में"(चर्चा अंक-4067)
    पर होगी। चर्चा में आप सादर आमंत्रित है.धन्यवाद

    "मीना भारद्वाज"


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  2. कोरोना,
    एक संकेत है
    वैश्विक परिवर्तन का,
    किसी के लिये उत्थान
    तो किसी के लिये
    विनाश एवं पतन का...वाह...बहुत खूब।

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  3. सौ आतोंकी एक बात कि‍----कोरोना,
    एक अवसर है---वाह व‍िशाल जी

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  4. वाह! गज़ब।
    सटीक विश्लेषण।
    बहुत सुंदर सृजन।

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