अमर सिंह जी अमर रहे
नोटों से तर - बतर रहे,
आप उधर तिहाड़ में
बण्डल सारे इधर रहे,
देश पर एहसान है कि
आप बहुतों के काम आये,
बहुतों को इधर - उधर
ले - दे के सेट कराये,
जिनका काम बनाया
उन्होंने ही रंग दिखाया,
खुद हैं काबिज सत्ता पे
आपको तिहाड़ दिखाया,
इसीलिए कहावत है कि
घुन हो तो घुन की तरह रहो,
वर्ना गेहूं का साथ किया
तो बेटा अब साथ पिसो....
नोटों से तर - बतर रहे,
आप उधर तिहाड़ में
बण्डल सारे इधर रहे,
देश पर एहसान है कि
आप बहुतों के काम आये,
बहुतों को इधर - उधर
ले - दे के सेट कराये,
जिनका काम बनाया
उन्होंने ही रंग दिखाया,
खुद हैं काबिज सत्ता पे
आपको तिहाड़ दिखाया,
इसीलिए कहावत है कि
घुन हो तो घुन की तरह रहो,
वर्ना गेहूं का साथ किया
तो बेटा अब साथ पिसो....
मनमोहन कर दंडवत, लौटा आज स्वदेश,
जवाब देंहटाएंभू-खंड एकड़ चार सौ, भेंटा बांग्लादेश |
भेंटा बांग्लादेश, पाक को कितना हिस्सा,
काश्मीर का देत, बता दे पूरा किस्सा |
बड़ा गगोई धूर्त, किन्तु तू भारी अड़चन,
यहाँ करे यस-मैम, वहां क्यूँ यस-मनमोहन ??
कायर की चेतावनी, बढ़िया मिली मिसाल,
कड़ी सजा दूंगा उन्हें, करे जमीं जो लाल |
करे जमीं जो लाल, मिटायेंगे हम जड़ से,
संघी पर फिर दोष, लगा देते हैं तड़ से |
रटे - रटाये शेर, रखो इक काबिल शायर,
कम से कम हर बार, नया तो बक कुछ कायर ||
आदरणीय मदन शर्मा जी के कमेंट का हिस्सा साभार उद्धृत करना चाहूंगा -
अब बयानबाजी शुरू होगी-
प्रधानमंत्री ...... हम आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देंगे ...
दिग्गी ...... इस में आर एस एस का हाथ हो सकता है
चिदम्बरम ..... ऐसे छोटे मोटे धमाके होते रहते है..
राहुल बाबा ..... हर धमाके को रोका नही जा सकता...
आपको पता है कि दिल्ली पुलिस कहाँ थी?
अन्ना, बाबा रामदेव, केजरीवाल को नीचा दिखाने में ?????
व्यर्थ सिंह मरने गया, झूठ अमर वरदान,
जवाब देंहटाएंदस जनपथ कैलाश से, सिब-बल अंतरध्यान |
इतना रुपया किसने दिया ?
फुदक-फुदक के खुब किया, मारे कई सियार,
सोचा था खुश होयगा, जन - जंगल सरदार |
जिन्हें लाभ वे कहाँ ??
साम्यवाद के स्वप्न को, दिया बीच से चीर,
बिगड़ी घडी बनाय दी, पर बिगड़ी तदबीर |
परमाणु समझौता
अर्गल गर गल जाय तो, खुलते बन्द कपाट,
जब मालिक विपरीत हो, भले काम पर डांट |
हम तो डूबे, तम्हें भी ---
दुनिया बड़ी कठोर है , एक मुलायम आप,
परहित के बदले मिला, दुर्वासा सा शाप |
मुलायम सा कोई नहीं
खट मुर्गा मरता रहे, अंडा खा सरदार,
पांच साल कर भांगड़ा, जय-जय जय सरकार |
जियो रे रविकर भाया
जवाब देंहटाएंअच्छा कवि ह्रदय पाया
पढ़ा कम ज़्यादा पढ़ाया
मेरी एक पे अपनी दो चिपकाया
कवि - रवि को सार्थक बनाया
करेले को नीम की डाल चढ़ाया...