खूब सुनाई देता है
कई बार मौन भी,
गजब का समझ आता है
कई बार अनकहा भी...
बहुत सुकून देती हैं
कई बार तमाम दूरियां भी,
बहुत कुछ दिखा देती हैं
बेवजह की मजबूरियां भी...
बहुत कुछ दे देता है
परायों का अपना होना भी,
बहुत कुछ सिखा देता है
अपनों का पराया होना भी...
इसीलिये तो कहते हैं
सब वक्त - वक्त की बात है,
कभी कोई बहुत दूर
तो कभी कोई साथ है...
कोई अपेक्षा न हो तो
कोई परेशानी न होगी,
किसी के यूं ही चले जाने से
तबाह जिन्दगानी न होगी...
कोई जहां तक चले
तुम वहां तक चलो,
हरदम उसके लिये
मुस्कुराहट बनो...
लेकिन ये ना समझना
वो हरदम रहेगा,
और सफर ये सुनहरा
मरते दम तक रहेगा...
यहां इस जहां में
न कुछ आखिरी है,
जो आया वो जायेगा
ये लाजिमी है...
जाना तो तुमको भी
एक दिन पड़ेगा,
सब यहीं छूट जाना भी
एक दिन पड़ेगा...
तो फिर क्यों उदासी
और मायूस होना,
किसी चीज के पीछे
पागल क्यों होना...
वैसे बुराई नहीं
इसमें कुछ भी,
मगर जो भी हो
वो तरीके से होना,
फकीरों की आदत में
ढलकर के देखो,
आ जायेगा तुमको
पागल भी होना....
- विशाल चर्चित
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंTHANKS SUMAN JI
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