मंगलवार, मार्च 30, 2021

चर्चित की मानो नशा मत ही छानो...

होली का रंग है
मिली इसमे भंग है
बुरा मानना मत
निश्छ्ल उमंग है

पीकर के पौवा
बना शेर कौवा
नशे मे खड़ा कर
दिया एक हौवा

किसी का दुपट्टा
जो लै भागा पट्ठा
दिया खींच करके
है गोरी ने चट्ठा

फिर भी न हारा
कीचड्‍ दे मारा
कहा प्राणप्यारी
मैं प्रियतम तुम्हारा

वो बोली जाओ
हमें ना फंसाओ
उल्लू हो उल्लू
मुंह धो के आओ

बड़ा ढीठ बंदा
पकड़ करके कंधा
पहलवान माइन्ड
दिया एक रंदा

गर्दन अकड़ गई
चंडी सी चढ़ गई
बाला तो हाय कर
वहीं सीधी पड़ गई

जनता इकट्ठी
लिये हाथ लट्ठी
मजनूं की गीली
हुई अब तो चड्ढी

बड़ी मार खाई
पड़ा चारपाई
मुहब्बत ने हड्डी
की भूसी बनाई

सबक ये मिला है
कि जो मनचला है
उसी का मुसीबत
में हरदम गला है

चर्चित की मानो
नशा मत ही छानो
नहीं तो फंसोगे
बुरे खूब जानो...

/// होली मुबारक ///

- विशाल चर्चित

5 टिप्‍पणियां:

  1. प्रणाम एवं आभार सर। आपका आदेश सिर माथे पर सर। दरअसल मेरा मन तो बहुत करता है कि सबके ब्लॉग पर जाऊँ-सबका हौसला बजाऊँ पर आजीविका के संघर्ष ने मेरे लिये तमाम बाधाएं खड़ी कर दी हैं। यहाँ तक कि बीच - बीच में जैसे - तैसे एकाध रचना इसलिए पोस्ट कर देता हूँ ताकि लोग भुला न दें। खैर, जब भी समय मिलेगा मैं पक्का दूसरों के ब्लॉग पढ़ूंगा। एक बार फिर से प्रणाम सर।

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