दरिया रहा कश्ती रही लेकिन सफर तन्हा रहा
हम भी वहीं तुम भी वहीं झगड़ा मगर चलता रहा
साहिल मिला मंजिल मिली खुशियां मनीं लेकिन अलग
खामोश हम खामोश तुम फिर भी बड़ा जलसा रहा
सोचा तो था हमने, न आयेंगे फरेबे इश्क में
बेइश्क दिल जब तक रहा इस अक्ल पर परदा रहा
शिकवे हुए दिल भी दुखा दूरी हुई दोनों में पर
हर बात में हो जिक्र उसका ये बड़ा चस्का रहा
छाया नशा जब इश्क का 'चर्चित' हुए कु्छ इस कदर
गर ख्वाब में उनसे मिले तो शहर भर चर्चा रहा
- विशाल चर्चित