काश वे पल फिर से आते
वही मेघ घिर के आते
मीठे - मीठे बचपन वाले
नाजुक - नाजुक से मन वाले
वही उछलना - वही फुदकना
वही शरारत - वही चहकना
वही बेफिक्री - वही मस्तियां
वही ख्वाबों वाली बस्तियां
लेकिन कहां ये हो पाता है
समय पुराना कहां आता है
रह जाती हैं केवल यादें
रह जाती हैं केवल बातें
तस्वीरों में रखे हुए पल
हमें निहारें बीत गये कल
कहते चलो सैर पर चलते
जहां सुनहरे दिये हैं जलते
दिल में नया जोश जो भरते
'चर्चित' को फिर 'मुन्ना' करते...
- विशाल चर्चित