शनिवार, फ़रवरी 25, 2017

'चर्चित' को फिर 'मुन्ना' करते...


काश वे पल फिर से आते
वही मेघ घिर के आते
मीठे - मीठे बचपन वाले
नाजुक - नाजुक से मन वाले
वही उछलना - वही फुदकना
वही शरारत - वही चहकना
वही बेफिक्री - वही मस्तियां
वही ख्वाबों वाली बस्तियां
लेकिन कहां ये हो पाता है
समय पुराना कहां आता है
रह जाती हैं केवल यादें
रह जाती हैं केवल बातें
तस्वीरों में रखे हुए पल
हमें निहारें बीत गये कल
कहते चलो सैर पर चलते
जहां सुनहरे दिये हैं जलते
दिल में नया जोश जो भरते
'चर्चित' को फिर 'मुन्ना' करते...

- विशाल चर्चित

बुधवार, फ़रवरी 15, 2017

हमारे बुजुर्ग...

गुरुवार, फ़रवरी 09, 2017

बड़ी गहरी आती है नींद जब पता हो कि कोई है...


बड़ी गहरी आती है नींद
जब पता हो कि कोई है
समय से जगा देने वाला,
बढ़ जाता है खाने का जायका
'आपको भूख लगी होगी'
जब कोई हो ये बता देने वाला...

अच्छा लगता है भूल जाना
तमाम चीजों का भी
जब कोई हो हमारी
हर चीज को याद रखनेवाला,
हो ही जाते हैं थोड़े से लापरवाह हम
जब कोई हो हमारी फिक्र करने वाला...

कई बार यूं ही
मन करता है लड़खड़ाने का
जब हो कोई संभाललेने वाला,
आ ही जाती है मुसीबतों पर भी हंसी
जब पता हो कि कोई है
हमें उनसे भी निकाल लेनेवाला...

बिना बात के भी आ जाता है रोना
जब कोई हो आंसू पोछनेवाला,
दिमाग हो जाता है शून्य सा
जब कोई हो हमसे भी ज्यादा
हमारे बारे में सोचनेवाला...

बदल जाते हैं जिन्दगी के मायने ही
जब कोई हो हमारे लिये ही
चुपचाप जिये जानेवाला,
थोड़ा तो गुरूर आ ही जाता है
जब कोई हो अपना सबकुछ
हम पर निसार किये जाने वाला...

- विशाल चर्चित