शुक्रवार, नवंबर 27, 2020

सूखने लगते हैं रिश्ते भी...


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10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (29-11-2020) को  "असम्भव कुछ भी नहीं"  (चर्चा अंक-3900)   पर भी होगी। 
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
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    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
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  2. सत्य कहा है आपने। रिश्ते भी एक जीवन ही जीते हैं, कभी-कभी शायद मर-मर कर।

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