शुक्रवार, मार्च 27, 2020

कॉरोना महामारी रूपी प्राकृतिक आपदा

कॉरोना की इस महामारी के समय प्रस्तुत है स्वाभाविक से भाव से भरी ये रचना...


चहुँ ओर दिखे अंधियारा जब
सूझे न कहीं गलियारा जब,
जब दुखों से घिर जाओ तुम
जब चैन कहीं ना पाओ तुम...

मन व्याकुल सा - तन व्याकुल सा
जीवन ही लगे शोकाकुल सा,
कोई मीत न हो - कोई प्रीत न हो
लगता जैसे कोई ईश न हो....

तब ध्यान करो प्रकृति की तरफ
ईश्वर की परम सुकृति की तरफ,
देखो तो भला सागर की लहर
उठती - गिरती जाती है ठहर...

अनुभव तो करो शीतलता का
पुरवाई की कोमलता का,
तुम नयन रंगो हरियाली से
पुष्पों की सुगन्धित लाली से....

तुम गान सुनो तो कोयल का
बहती सरिता की कलकल का,
पंछी करते क्या बात सुनो
कहता है क्या आकाश सुनो....

निकालोगे निराशा के तम से
निकलो तो भला अपने तन से,
है आस प्रकाश भरा जग में
रंग लो हर क्षण इसके रंग में....

जो बीत गया सो बीत गया
तम से निकला वो जीत गया,
उस जीत का तुम अनुभव तो करो
अनुभव तो करो - अनुभव तो करो...

- VISHAAL CHARCHCHIT

4 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीया/आदरणीय आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर( 'लोकतंत्र संवाद' मंच साहित्यिक पुस्तक-पुरस्कार योजना भाग-२ हेतु नामित की गयी है। )

    'बुधवार' ०१ अप्रैल २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य"

    https://loktantrasanvad.blogspot.com/2020/04/blog-post.html

    https://loktantrasanvad.blogspot.in/



    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।


    आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'

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  2. निकालोगे निराशा के तम से
    निकलो तो भला अपने तन से,
    है आस प्रकाश भरा जग में
    रंग लो हर क्षण इसके रंग में....
    बहुत सुन्दर आशा का प्रकाश फैलाती लाजवाब कृति
    वाह!!!

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