बुधवार, अगस्त 15, 2018

नमन् उन्हें जो आजादी की खातिर सबकुछ भूल गये, हँसते-हँसते 'जय हिन्द' बोला और फाँसी पर झूल गये...



नमन् उन्हें जो आजादी की
खातिर सबकुछ भूल गये,
हँसते-हँसते 'जय हिन्द' बोला
और फाँसी पर झूल गये...

नमन् उन्हें जो सबकुछ था पर
देश की खातिर छोड़ दिया,
आजादी दी, सत्ता सौंपी
और दुनिया को छोड़ दिया...

नमन् उन्हें कि जो सीमा पर
प्रहरी बनकर रहते हैं,
देश सुरक्षित रहे इसलिये
हर दुख सहते रहते हैं...

नमन् उन्हें जो गश्त पे रहते
हर मौसम - हर हाल में,
जो समा गये जनता की खातिर
स्वयं काल के गाल में...

नमन् उन्हें जो देश को लाये
आजादी के बाद यहाँ तक,
मुश्किल हालातों से उबारा
आबादी को आज यहाँ तक...

नमन् उन्हें जो देश का परचम
पूरी दुनिया में लहरा आये,
नमन् उन्हें जो अंतरिक्ष में भी
अपना तिरंगा फहरा आये...

नमन् उन्हें जो अपने क्षेत्र में
करते अर्जित सदा विशेष,
नमन् उन्हें जो देश को हर दिन
करते अर्पित सदा विशेष...

नमन् उन्हें जो करते कार्य
जाति-धर्म से ऊपर उठकर,
कोई मुसीबत में ये दौड़ते
निज स्वार्थ से ऊपर उठकर...

नमन् उन्हें जो अपने अलावा
और्रों के बारे में भी हैं सोचते,
किसी ना किसी तरह देश को
हैं सुदृढ़ करते और जोड़ते...

नमन् उन्हें जो ये 'चर्चित' का
संदेश पढ़ेंगे - सोचेंगे,
देश के लिये सही मार्ग पर
पूरे जोश से हो लेंगे...

जय हिंद - जय भारत
..... वंदे मातरम .....

- विशाल चर्चित

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