गणतंत्र दिवस के अवसर पर
आइये एक दूसरे को शुभकामना देते हुए
आइये शपथ लें कि -
अपने संविधान - तिरंगे, राष्ट्र गान और
सभी दिवंगत महापुरुषों का सम्मान करेंगे,
संविधान कि सभी धाराओं एवं नियमों का
ठीक से पालन हो इसका ध्यान रखेंगे,
अंग्रेजी लिखेंगे - पढेंगे - बोलेंगे लेकिन
मातृभाषा हिंदी का ह्रदय में
सबसे विशेष स्थान रखेंगे.......
विदेश - विदेशी तकनीक तथा
विदेशी संसाधनों का दोहन करेंगे पर
अपने देश - इसकी गरिमा का
सदैव आन - बान - शान रखेंगे.....
किसी बात पर असहमति या विरोध हो
तो धरना - प्रदर्शन - आन्दोलन करेंगे
लेकिन राष्ट्र की कोई अपूरणीय क्षति न हो
इस बात का सदैव ध्यान रखेंगे......
स्वयं की सुख - समृद्धि - उन्नति एवं
यश - कीर्ति में वृद्धि करते रहेंगे पर
सदा इससे जुड़ा हुआ अपने
राष्ट्र के विकास का अभियान रखेंगे....
सभी वर्गों, धर्मों और समाजों को
को जोड़ते हुए एकता - अखंडता और
भाईचारे को बढ़ावा देते हुए सबके चेहरों पर
अपनेपन की विशेष मुस्कान भरेंगे.......
और अगर अपने मरने से बहुतों का भला होता हो
तो हम सदैव बन्दूक की नोक पर अपनी जान रखेंगे.....
:::::::::: जय हिंद :::::::::::
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28-01-2017) को "आया बसंत" (चर्चा अंक-2862) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर प्रस्तुति
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