आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (11-09-2017) को "सूखी मंजुल माला क्यों" (चर्चा अंक 2724) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 11 सितंबर 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (11-09-2017) को "सूखी मंजुल माला क्यों" (चर्चा अंक 2724) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आप्का हृदय से आभार सर
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 11 सितंबर 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंबहुत - बहुत शुक्रिया भाई
हटाएंउम्मीदों का दामन सदैव हरा -भरा रखने का ख़ूबसूरत संदेश। बधाई।
जवाब देंहटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएंआभार सर
हटाएंसुन्दर भावाभिव्यक्ति, साथ ही सादर आग्रह है कि मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों --
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग का लिंक है : http://rakeshkirachanay.blogspot.in/
आभार सर जी
हटाएंबहुत सुंदर ! बहुत खूब आदरणीय ।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भाई
हटाएंबहुत सुंदर ! बहुत खूब आदरणीय ।
जवाब देंहटाएंबहुत कम शब्दों में गहरा संदेश. सादर
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार
हटाएंसुंदर मुक्तक --------
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