बड़ी गहरी आती है नींद
जब पता हो कि कोई है
समय से जगा देने वाला,
बढ़ जाता है खाने का जायका
'आपको भूख लगी होगी'
जब कोई हो ये बता देने वाला...
अच्छा लगता है भूल जाना
तमाम चीजों का भी
जब कोई हो हमारी
हर चीज को याद रखनेवाला,
हो ही जाते हैं थोड़े से लापरवाह हम
जब कोई हो हमारी फिक्र करने वाला...
कई बार यूं ही
मन करता है लड़खड़ाने का
जब हो कोई संभाललेने वाला,
आ ही जाती है मुसीबतों पर भी हंसी
जब पता हो कि कोई है
हमें उनसे भी निकाल लेनेवाला...
बिना बात के भी आ जाता है रोना
जब कोई हो आंसू पोछनेवाला,
दिमाग हो जाता है शून्य सा
जब कोई हो हमसे भी ज्यादा
हमारे बारे में सोचनेवाला...
बदल जाते हैं जिन्दगी के मायने ही
जब कोई हो हमारे लिये ही
चुपचाप जिये जानेवाला,
थोड़ा तो गुरूर आ ही जाता है
जब कोई हो अपना सबकुछ
हम पर निसार किये जाने वाला...
- विशाल चर्चित
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (15-03-2015) को "ख्वाबों में आया राम-राज्य" (चर्चा अंक - 1918) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बिना बात के भी आ जाता है रोना
जवाब देंहटाएंजब कोई हो आंसू पोछनेवाला,
दिमाग हो जाता है शून्य सा
जब कोई हो हमसे भी ज्यादा
हमारे बारे में सोचनेवाला...
विशाल जी बहुत सुन्दर कोमल भाव लिए सत्य दर्शाती रचना
भ्रमर ५
सच कहा
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