सबकुछ न बदले
पर इतना तो बदले,
कि इन्सान अपनी ही
फितरत न बदले...
मौसम न बदले
तो तासीर बदले,
हवाओं का रुख और
खुशबू तो बदले...
जीना न बदले
मरना न बदले
मगर बीच की जंग
का मंजर तो बदले...
रिश्ते न बदलें
जमाना न बद्ले
मगर नकली दिखना
दिखाना तो बदले...
नेता न बदलें
सियासत न बदले
जनता का बातों
में आना तो बदले...
कहते हैं चर्चित
नये साल पर ये
कि यारों का यूं
मुस्कुराना न बदले...
- VISHAAL CHARCHCHIT
फितरत न बदले...
मौसम न बदले
तो तासीर बदले,
हवाओं का रुख और
खुशबू तो बदले...
जीना न बदले
मरना न बदले
मगर बीच की जंग
का मंजर तो बदले...
रिश्ते न बदलें
जमाना न बद्ले
मगर नकली दिखना
दिखाना तो बदले...
नेता न बदलें
सियासत न बदले
जनता का बातों
में आना तो बदले...
कहते हैं चर्चित
नये साल पर ये
कि यारों का यूं
मुस्कुराना न बदले...
- VISHAAL CHARCHCHIT
बहुत सुन्दर |बदलेगा समय आ रहा है |
जवाब देंहटाएंनया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट विचित्र प्रकृति
नई पोस्ट नया वर्ष !
बहुत सुंदर....नव वर्ष मंगलमय हो आपका....
जवाब देंहटाएंकाफी उम्दा रचना....बधाई...बेहतरीन चित्रण....
नयी रचना
"एक नज़रिया"
आभार
वाह! बहुत खूब
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