होता अगर मैं
एक धुरंधर नेता
तो सोचता कि
वाह क्या दृश्य है
गरीबी यहां भुखमरी यहां
इसलिये अपनी
सियासत यहां...
होता अगर मैं
मीडिया का खिलाड़ी
सनसनीखेज खबर बनाता
दिनरात दिखाता
विज्ञापनों की बरसात करवाता....
होता अगर मैं
एक गिद्धदृष्टि फोटोग्राफर
अलग-अलग कोणों से
ऐसी तस्वीरें लेता
कि दुनिया के तमाम पुरस्कार
अपनी झोली में बटोर लेता....
होता अगर मैं
एक निर्माता निर्देशक
इस विषय पर एक
अच्छी सी फिल्म बनाता
ऑस्कर अपने घर ले आता...
होता अगर मैं
एक होशियार समाज सेवक
इन गरीबों के नाम पर
करोड़ों का अनुदान लाता
थोड़ा बहुत इनको खिलाता
बाकी सब माल अंदर हो जाता...
होता अगर मैं
एक परम बुद्धिजीवी
इस विषय पर खूब
गहन अध्ययन करता
विवादास्पद आंकड़े जड़ता
एक दमदार किताब लिखता
फिर तो नोबल पुरस्कार से
आखिर कम क्या मिलता...
होता अगर मैं
एक पाखंडी पंडित - मुल्ला
ये दृश्य देख कर सोचता
'छि - छि -छि -छि
जाने कहां से इतनी
गंदगी फैला रखी है,
इन जाहिल गँवारों ने ही
ये दुनिया नर्क बना रखी है....
लेकिन रह गया मैं एक
निरा भावुक इंसान
कुछ भी नहीं कर पाया
ये दृश्य देखकर ह्रुदय भर आया
और एक सवाल ये आया कि
'हाय रे ईश्वर तूने ये जहां
इतना विचित्र क्यों बनाया....?!'
- विशाल चर्चित
एक धुरंधर नेता
तो सोचता कि
वाह क्या दृश्य है
गरीबी यहां भुखमरी यहां
इसलिये अपनी
सियासत यहां...
होता अगर मैं
मीडिया का खिलाड़ी
सनसनीखेज खबर बनाता
दिनरात दिखाता
विज्ञापनों की बरसात करवाता....
होता अगर मैं
एक गिद्धदृष्टि फोटोग्राफर
अलग-अलग कोणों से
ऐसी तस्वीरें लेता
कि दुनिया के तमाम पुरस्कार
अपनी झोली में बटोर लेता....
होता अगर मैं
एक निर्माता निर्देशक
इस विषय पर एक
अच्छी सी फिल्म बनाता
ऑस्कर अपने घर ले आता...
होता अगर मैं
एक होशियार समाज सेवक
इन गरीबों के नाम पर
करोड़ों का अनुदान लाता
थोड़ा बहुत इनको खिलाता
बाकी सब माल अंदर हो जाता...
होता अगर मैं
एक परम बुद्धिजीवी
इस विषय पर खूब
गहन अध्ययन करता
विवादास्पद आंकड़े जड़ता
एक दमदार किताब लिखता
फिर तो नोबल पुरस्कार से
आखिर कम क्या मिलता...
होता अगर मैं
एक पाखंडी पंडित - मुल्ला
ये दृश्य देख कर सोचता
'छि - छि -छि -छि
जाने कहां से इतनी
गंदगी फैला रखी है,
इन जाहिल गँवारों ने ही
ये दुनिया नर्क बना रखी है....
लेकिन रह गया मैं एक
निरा भावुक इंसान
कुछ भी नहीं कर पाया
ये दृश्य देखकर ह्रुदय भर आया
और एक सवाल ये आया कि
'हाय रे ईश्वर तूने ये जहां
इतना विचित्र क्यों बनाया....?!'
- विशाल चर्चित
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें