बुधवार, अप्रैल 11, 2012

ये पल - ये लम्हे - ये घड़ियाँ....

कुछ पल, होते हैं बहुत मधुर
होते हैं बहुत यादगार,
समा जाते हैं जाते हैं अक्सर
दिल के किसी कोने में
एक मीठी सी याद बनकर...
कुछ लम्हे, होते हैं बड़े कठिन
लेते हैं हमारा इम्तहान और 
गुजर जाते हैं यूँ ही अक्सर
दिल को खरोच कर.....
कुछ घड़ियाँ, आती हैं और लाती हैं 
ढेर सारे सपने - ढेर सारे अरमान
आने वाले एक सुनहरे कल के
जगा जाती हैं आँखों में अक्सर....
ये पल - ये लम्हे - ये घड़ियाँ
वाकई हैं बहुत ज़रूरी ताकि
इनसे मिली खुशियों पर हम
दिल खोल कर मुस्कुरा सकें,
इनसे मिलें तमाम कटु अनुभवों से
आगे का रास्ता निष्कंटक बना सकें
और इनके द्वारा जगाये हुए 
सपनों का पीछा करते हुए
कुछ ख़ास कामयाबियों को
अपने क़दमों के नीचे ला सकें....
इसलिए इन्हीं यूँ ही न बिता दो
इन्हें यूँ ही बेकार में न गंवा दो
इसलिए उठो - सोचो - कुछ करो
और इनके सहारे ज़िन्दगी को
बेहद खूबसूरत बना दो !!!

- VISHAAL CHARCHCHIT

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