समस्त मूर्खाधिपतियों को नमन............क्योंकि आज आपका दिन यानी 1 अप्रैल अर्थात "फूल्स डे" है........यही एक त्यौहार है पूरे साल में जो आपके लिए रखा गया है........और पूरी दुनिया में धूमधाम से न सिर्फ मनाया जाता है बल्कि बिरादरी का विस्तार भी किया जाता है......ताकि आपकी ढेंचू - ढेंचू प्रजाति फलती - फूलती रहे........आपके कर्णप्रिय गर्दभ स्वर चहुँओर गूंजते रहे.......खैर आज के इस सुनहरे मौके पर सोचा मैं भी कुछ योगदान कर दूं.......मतलब कुछ लोगों को आपके समाज का रास्ता दिखा दूं.........लेकिन आश्चर्य कोई भी ऐसा नहीं मिला जिसे मूर्ख बनाया जा सके........जिसे देखो वही चौकन्ना है........सारे होशियार - सारे चालाक........सारे बनाने पर तुले.........हाय रे कलियुग......तूने सबको अपने रंग में रंग दिया.......कि अब नहीं है कोई सीधा - नहीं है कोई भोला - नहीं है कोई अंध भक्त कि जिसे मूर्ख बनाया जा सके.......इसके बावजूद धन्य हैं हमारे नेतागण.........बेचारे कितना पापड बेलते हैं - नाको चने चबाते है लेकिन 150 करोड़ लोगों को बेवकूफ बना ही ले जाते हैं......देखते ही देखते हजारों - लाखों करोड़ हमारी आँख के नीचे से खिसका ले जाते हैं........और हम सारे होशियार लोग गाल बजाते रह जाते हैं.......तो इसतरह ये आज का त्यौहार नेताओं और हम जनता - जनार्दन दोनों का त्यौहार है..........क्योंकि वे मूर्ख बनाते हैं और हम बनते हैं.........लेकिन हम नेताओं कि जय क्यों बोलें......हम तो अपने महापुरुषों कि जय बोलेंगे.........तो बोलो एक बार प्रेम से.....सभी मूर्खाधिपतियों की जय !!!!!
शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति |
दुखित गधे ने एक दिन छोड़ दिया सब काम।
जवाब देंहटाएंगलती करता आदमी लेता मेरा नाम।।
आइन्दा मूर्ख दिवस को 'नेता दिवस' के रूप में मनाये .गधा एक कर्मठ एनिमल है .एक बार उसे जहां का रास्ता दिखा दिया जाता है वह वहां जाता रहता है .नेता ने प्रजा तंत्र को ही रास्ता च्युत करवा दिया है .