शुक्रवार, फ़रवरी 10, 2012

है ये हाल आशिकी में....

दिल -
कमीना कहीं का
मेरा था कल तक
मेरे लिए धडकता था,
उनका हो गया है अब.....
सुकून -
था बहुत ज़िन्दगी में
उनसे मिलने से पहले, 
पर हाय रे इश्क का तूफ़ान
आया और उड़ा ले गया
पूरा का पूरा मेरी ज़िन्दगी से 
उनकी ज़िन्दगी की तरफ....
नींद -
आती थी बहुत जब देखो तब
जब आँखों में नहीं बसे थे
हमारे वो - उनके तमाम सपने,
आती है अब भी पर जगा देता है
उनसे जुड़ा कोई हसीन सा सपना....
मकसद -
था ज़िन्दगी का पहले 
ख़ास कामयाबी और तरक्की 
बेमिसाल इज्ज़त और शोहरत,
लेकिन अब है सिर्फ उनकी ख़ुशी
उनकी मुस्कराहट - उनकी चाहत
और इसी के सहारे जीना हमेशा
ज़िन्दगी का हर पल - हर लम्हा.....


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