तेजी से बदलती दुनिया
तेजी से बदलती तस्वीरें
काश बदल सकता इंसान
अपने हाथों की लकीरें...
हर सुबह बदल जाता है
मौसम का मिजाज़,
हर रात ओढ़ लेती है
नए काजल का लिबास,
कपडे बदलते हैं -
चेहरे बदलते हैं,
बदल जाता है अक्सर
लोगों का अंदाज़,
पर नहीं बदलती कभी भी
इंसानी फितरत, उसकी रूह
उसकी तासीरें...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें