![न राह है - न चाह है - ना कहीं निगाह है alt="NA RAAH NA CHAAH"](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZiaepDasogI76fQSFtojNSNsCJHF-5f7mzEZ1EXqrgn0hmrdBSDWE-XEtzbrOau466v-v1rmNBzV_Y0H7VkCyEZVd0zyY3Z9zlu7xx2pAuUA7ckD4RWQ0AdkYX08Tb0RK9YXManBo4iwUZutYnPDIE6pTHEw0xpJ_GugmYT1Vws6Xrt9W4bxkPf93Qw/w400-h400/111.jpg)
न राह है - न चाह है
ना कहीं निगाह है,
ना कहीं पर महफ़िलें
ना ही वाह-वाह है...
ना ही अब ख़ुशी बहुत
ना ही अट्टहास है,
ना तो कोई अजनबी
ना ही कोई ख़ास है...
निरपेक्ष भी - तटस्थ भी
एकाकी भी - गृहस्थ भी,
भाग्य के क्षितिज पर अब
उदित भी हूँ और अस्त भी...
क्या ग़ज़ब पड़ाव है
ठहराव है - बहाव है,
एक सागरीय द्वीप
के समीप नाव है...
ये समय का एक रंग
श्वेत-श्याम एक संग,
इसलिये मैं लीन हूँ
सीखने में इसके ढंग...
- विशाल चर्चित
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