सोमवार, मई 07, 2012
पहली बार वीर रस में थोडा हास्य मिलाकर एक नया प्रयोग किया है......साथ ही वीर रस और देश भक्ति की ज्यादातर रचनाएँ पाकिस्तान और आतंकवाद पर देखने को मिलती हैं.......मैंने चीन को लपेटे में लिया है.......आशा है आप सबको पसंद आएगा मेरा यह प्रयोग............
3 टिप्पणियां:
रविकर
7 मई 2012 को 8:46 pm बजे
बिलकुल आया पसंद ||
बधाई स्वीकारें ||
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विशाल चर्चित (Vishal Charchit)
8 मई 2012 को 1:59 pm बजे
AAPKA HRIDAY SE AABHAARI HOON RAVIKAR SIR !!!!
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Unknown
3 मई 2013 को 2:43 pm बजे
bahut achhe
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बिलकुल आया पसंद ||
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकारें ||
AAPKA HRIDAY SE AABHAARI HOON RAVIKAR SIR !!!!
हटाएंbahut achhe
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