गुरुवार, मार्च 08, 2012

भाई लोगों होली जम के खेलो, लेकिन........

मेरे सभी दोस्तों को होली की शुभकामना...........भाई लोगों होली जम के खेलो............लेकिन इतना ध्यान रखना कि बाद में रंग छुडाने में नानी न याद आ जाए.......भांग घोटने वालों से निवेदन है कि ज़रा सम्हाल के..... ....वर्ना पता लगा कि खाने पे आये तो उलटी की नौबत.........गाने पे आये तो कान का बैंड बज जाये........नाचने पे आये तो धूल उड़ने लगे..........अब बात पियक्कड़ भाइयों की ..........तो भाई लोगों.............खम्बा - पौवा-क्वार्टर - अदधा - बोतल की व्यवस्था तो होगी ही आज........... और फुल मूड भी बनेगा आज.........लेकिन प्रभू आपसे हाथ जोड़ कर विनम्र निवेदन है कि ......... ' तेरी माँ की - तेरी बहन की' मत कीजियेगा...... महिला दिवस पर सभी माँ - बहनों की लाज रख लीजियेगा......... एक बात और कि कपडा फाडियेगा लेकिन एक - दो जोड़ा छोड़ दीजियेगा......... ताकि कल बाहर निकलने लायक बचें.......  इसके अलावा उतना ही पीजिएगा जितनी कि पच जाए......... नहीं तो पता लगा कि कल किसी नाले से उठाकर लाये गए..... अब आप जैसे राजा - महाराजाओं के लिए नाले और गटर में दरबार लगाना शोभा नहीं देता........... बस इतना ही......... बाकी मैं तुच्छ - मामूली सा प्राणी आपको क्या समझा सकता हूँ........... अपनी इतनी औकात कहाँ....... कहाँ आप राजा भोज.........कहाँ मैं गंगू तेली...........!!!

 

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