मंगलवार, जून 28, 2011

बड़े शहरों की रातें अब नुमाइशी हो गयीं...

बड़े शहरों की रातें अब नुमाइशी हो गयी
तमाम खूबसूरत मछलियाँ अब फरमाइशी गयी
सडकों पे लोग रहते हैं चालाकियां बिछाए
हुनरमंदों कि एक फौज
पैदाइशी हो गयी...

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