- मत भूलें कि हम हिंदू - मुस्लिम या भारतीय - पाकिस्तानी होने से पहले मनुष्य हैं।
- मनुष्य का प्रथम धर्म है मानवता एवं नैतिकता, जो कि ये सिखाती है कि हिंसा (आतंकवाद) से किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
- हिंसा (आतंकवाद) किसी भी देश या समाज का धर्म नहीं हो सकता।
- हिंसा (आतंकवाद) से सुखमय - शांतिमय एवं समृद्धिमय जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
- हिंसा (आतंकवाद) से कोई भी लक्ष्य अपने पूर्ण रूप में हासिल हो सकता।
- ये भी कटु सत्य है कि अपनी सुरक्षा में, स्वार्थ से उपजी हिंसा (आतंकवाद) को रोकने के लिये, अराजकता के उन्मूलन एवं व्यवस्था कायम करने के लिये नपी-तुली एवं सटीक हिंसा
भी आवश्यक है।
- अन्याय का समर्थन अन्याय है, आतंकवाद का समर्थन भी आतंकवाद ही है।
- मानवीय रूप से, नैतिक रूप से गलत बातों - गलत व्यवहार का समर्थन करने वाला किसी भी देश - किसी भी समाज - किसी भी वर्ग का नहीं हो सकता। ऐसे लोगों को पहचानें और उनसे अपने आपको अलग और दूर रखें।
- आतंकवाद एक ऐसा व्यवहार है जिसमें तमाम निर्दोष लोगों की बलि चढ़ती है कुछ लोगों के स्वार्थ पूर्ति के लिये, इसलिये इसे किसी भी सभ्य समाज में सही नहीं माना जाता।
- आतंकवाद से किसी भी देश, धर्म या समाज का भला नहीं हो सकता इसलिये समस्याओं के समाधान के लिये, अपनी नाराजगी और असहमति व्यक्त करने के लिये दूसरे मार्ग अपनाये जाने चाहिये जो शांति और विकास में बाधक न हों।
नवरात्रि पर सभी के लिये सुख - शांति एवं समृद्धि की कामना सहित देश एवं समाज की सुरक्षा के लिये शहीद होने वाले सभी जवानों को हार्दिक नमन एवं श्रद्धांजलि !!!
................................ - विशाल चर्चित
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-10-2016) के चर्चा मंच "कुछ बातें आज के हालात पर" (चर्चा अंक-2483) पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंमहात्मा गान्धी और पं. लालबहादुर शास्त्री की जयन्ती की बधायी।
साथ ही शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका हृदय से आभार एवं शुभ नवरात्रि सर जी
हटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल रविवार (02-10-2016) के चर्चा मंच "कुछ बातें आज के हालात पर" (चर्चा अंक-2483) पर भी होगी!
जवाब देंहटाएंमहात्मा गान्धी और पं. लालबहादुर शास्त्री की जयन्ती की बधायी।
साथ ही शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सहमत हूँ आदरणीय।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद भाई
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