क्या हुआ जो
कुछ मिला तो
कुछ नहीं मिला,
क्या हुआ जो
कुछ खो गया तो
कुछ छिन गया...
देखो तो जरा गौर से
रह गया होगा बहुत कुछ
अब भी तुम्हारे पास,
देखो आ गया होगा
कुछ कीमती-कुछ खास
चुपके से तुम्हारे पास...
और अगर नहीं
तो रुको जरा
थोड़ा सब्र करो,
क्योंकि -
देर या सबेर
वो देता जरूर है,
उजाला कभी ना कभी
होता जरूर है,
याद रहे मकसद
छोटा हो या बड़ा हो,
पर रास्ते में इम्तहान
होता जरूर है...
- विशाल चर्चित
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (24-11-2015) को "रास्ते में इम्तहान होता जरूर है, भारत आगे बढ़ रहा है" (चर्चा-अंक 2170) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'