बुधवार, अक्टूबर 26, 2011

दीपावली मनाइए, पर............

दीपावली मनाइए
पर अक्ल भी लगाइए,
पटाखों के बहाने जेब को
माचिस मत लगाइए....
जेब और आप सलामत
तो सारा जहां सलामत,
वर्ना तो ये दिवाली क्या
पूरी ज़िन्दगी क़यामत........
" शुभ दीपावली "

मंगलवार, अक्टूबर 25, 2011

मुहब्बत का नशा

मुहब्बत का नशा हो तो कहाँ कुछ सूझता है
फिर आबादी या बरबादी ये मर्जी खुदा की है

सोमवार, अक्टूबर 24, 2011

दिल मिला दिया है....

क्या ज़रूरत है मुहब्बत में दिखावे की
हाथ मिलें न मिलें दिल मिला दिया है....

समझिये कि ग़ज़ल हो गयी.....

हम दिल के मामले में अलफ़ाज़ नहीं देखते
आप उफ़ भी करें तो समझिये कि ग़ज़ल हो गयी....

कह डालो हाल - ए - दिल

कह डालो हाल - ए - दिल अगर सुकून मिले
रोना आया तो चुप कराने के तरीके ईजाद होंगे.........

शुक्रवार, अक्टूबर 21, 2011

शुभ दीपावली - मंगल दीपावली

शुभ दीपावली - मंगल दीपावली
विशेष शांतिमय हो ये दीपावली
हर्षमय दीपावली -आनंदमय दीपावली
विशेष उत्साहमय हो ये दीपावली
सुखमय दीपावली - समृद्धिमय दीपावली
विशेष मुस्कानमय हो ये दीपावली
स्नेहमय दीपावली - प्रेममय दीपावली
विशेष अपनेपन से भरी हो दीपावली

गुरुवार, अक्टूबर 20, 2011

दुश्मनों को एहसास-ए-मुहब्बत न बख्शो

दुश्मनों को एहसास-ए-मुहब्बत न बख्शो
इतनी दरियादिली अच्छी नहीं होती
सिर्फ अपने ही काम आते हैं मुसीबत में
उनकी नफरत मुहब्बत से कम नहीं होती.....

बुधवार, अक्टूबर 19, 2011

तारीफ मारे डालती....

दिल ने कहा कर गया, अफ़सोस हो रहा है अब
क्या पता था उनको तारीफ मारे डालती....

सोमवार, अक्टूबर 17, 2011

ये इश्की नायाब नुस्खा......

झगड़ने से हुआ करता है अक्सर प्यार दोगुना
ये इश्की नायाब नुस्खा जब चाहो आजमा लो.........

रविवार, अक्टूबर 16, 2011

दिल

बहुत कम लोग दुनिया में - हैं जो दिल को समझ पाए
मर्ज़ कुछ और होता है - इलाज कुछ और करते हैं.......

करवाचौथ

साल में एक बार प्यार - साल में एक बार व्रत
पर मज़ा तो तब है कि हर रोज़ करवाचौथ हो......

गुरुवार, अक्टूबर 06, 2011

भई रावण दहन की बधाई क्यों??


आज सुबह से भाई लोगों ने दशहरे की बधाई - शुभकामना दे - दे कर दिमाग खराब कर दिया......मैं ये सोच रहा हूँ कि ये लोग मुझे क्यों बधाई - शुभकामना दे रहे हैं.........क्या मैं रावण को मार कर आ रहा हूँ जो बधाई पे बधाई दिए जा रहे हैं भाई लोग ???............या मारने जा रहा हूँ जो शुभकामनायें दिए जा रहे हैं कि "जाओ बेटा तुमसे इस देश - इस समाज को बड़ी उम्मीदें हैं.....सम्हल कर वाण चलाना.....भगवान् तुम्हारी रक्षा करें......तुम्हें अथाह शक्ति प्रदान करें" वगैरह - वगैरह........या मुझसे किसी कलियुगी सूर्पनखा की नाक कटवाने के चक्कर में हैं भाई लोग.........सोच रहे होंगे ये देखने में सीधा - साधा लगता है...........सूर्पनखा इसके चक्कर में आ कर खुद ही अपनी नाक इसके हवाले कर देगी.......तो भाई आज की सूर्पनखाएं ?........हरे - हरे.....मत पूछिए, तलवार सहित मुझे भी गायब कर देंगी प्यार - प्यार से......अगले दिन टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ आएगी कि "एक प्रेमी गवां बैठा अपनी नाक बेवफाई के बदले".......फिर यही भाई लोग कहेंगे....."च्च - च्च कैसा घोर कलियुग आ गया है किसी का भरोसा नहीं किया जा सकता.........देखो तो कैसा भोला - भाला दिखता था".........कोई कहेगा...." अरे इसे तो हमने देखा था बहुत कविता - वबिता लिखता था.......भई ये कवि लोगों से तो सावधान ही रहना चाहिए, बड़े सनकी होते हैं"...........खैर, सारा दिन इसी उधेड़ - बुन में निकल गया, अब सोचा कि चलो आप लोगों से पूछता हूँ.........यहाँ एक से एक जानकार बाबू जी लोग बैठे हैं......क्या पता महात्मा बुद्ध कि तरह मुझे भी ज्ञान प्राप्त हो जाये............

सोमवार, अक्टूबर 03, 2011

ये मेरे कुछ शेर..........

मिला आसानी से जब दिल बहुत सस्ता समझ बैठे
बहुत पछतायेंगे वो कल जब इसको खो चुके होंगे.......

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खुमारी ही उतर जाये तो इश्क बेमतलब हुआ जानो
मिले मंजिल सुकून ए दिल नयी मंजिल तलाशो फिर
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रूठ कर जायेंगे भी तो जाइए खूब शौक से
इस जहां के उस तरफ भी हम मनाने आयेंगे...
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बैठकर कुछ पल को जब दरिया को देखा गौर से
ज़िंदगी मुझको अचानक एकदम ठहरी लगी....
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फासला जिस्मानी है जो दरमियाँ तो क्या हुआ
बस दिलों के बीच नजदीकी रहे काफी विशाल....

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रविवार, अक्टूबर 02, 2011

बापू तुम्हें नमन करने में.........


दो कपड़े और सांचा हड्डियों का
क्या कमाल दिखला गया,
नहीं ज़रूरत बंदूकों की
करके वो दिखला गया....
बातों में हो दम दुनिया झुकती
करो वही जो कहते हो,
सत्य - अहिंसा की अजेय
एक राह हमें दिखला गया....
दिल बड़ा हो दुनिया अपनी
दो लोगों का कुनबा क्यों,
लोग परेशां कुछ रिश्तों से
वो करोड़ों रिश्ते निभा गया.....
एक छोटी सी उथल - पुथल से
लोग सत्ता सुख पा जाते हैं,
वो जीवन भर संघर्ष के बदले
गोली भी हंसकर खा गया.....
कहाँ मिलेगा ऐसा फ़रिश्ता
अब इस कलियुग में 'चर्चित'
बापू तुम्हें नमन करने में
आँख से आंसू आ गया....