रविवार, अक्टूबर 09, 2016

चीनी सालों होश में आओ....

चीनी सालों होश में आओ वर्ना होश में ला देंगे
तेरी माँ की माँ को भी हम नानी याद दिला देंगे

गया ज़माना बात-बात पर हमको आँख दिखाते थे
और हिन्दुस्तानी हम सीधे सादे चुपचाप रह जाते थे

अब तो आँख दिखा के देखो सीधे आँख फोड़ देंगे
अग्नि पृथ्वी सारी मिसाइलें बीजिंग तक घुसेड देंगे

छोडो अरुणांचल-सिक्किम पर घडी-घडी दावा करना
जब देखो अपने धन-बल का रोज़ - रोज़ हौवा करना

अच्छा होगा इज्ज़त से हिमालय के उस पार ही रहना
अच्छा होगा अपनी छोटी सी चार फुटी औकात में रहना

वर्ना यहीं से बैठे - बैठे हम खोपड़ी तुम्हारी खोल देंगे
तुम चीनियों को हम शरबत जैसा पानी में घोल देंगे

इतराते हो जिस दीवार पे मिनटों में ध्वस्त हो जायेगी
हिरोशिमा-नागासाकी से भी भयानक तबाही हो जायेगी

पूरी दुनिया में अब भारत की शान का परचम लहराता है
बाप तुम्हारा अमरीका भी अब यहाँ आके दम हिलाता है

ताकतवर होने पर भी हम छोटे देशों को नहीं डराते हैं
शांतिप्रियता और भाईचारे के लिए हम "चर्चित" कहलाते हैं

- विशाल चर्चित

गुरुवार, अक्टूबर 06, 2016

जिनके हाथ सेकते हैं गोलियों से रोटियाँ...


शनिवार, अक्टूबर 01, 2016

कुछ बातें आज के हालात पर.....

- मत भूलें कि हम हिंदू - मुस्लिम या भारतीय - पाकिस्तानी होने से पहले मनुष्य हैं। 

- मनुष्य का प्रथम धर्म है मानवता एवं नैतिकता, जो कि ये सिखाती है कि हिंसा (आतंकवाद) से किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। 

- हिंसा (आतंकवाद) किसी भी देश या समाज का धर्म नहीं हो सकता।

- हिंसा (आतंकवाद) से सुखमय - शांतिमय एवं समृद्धिमय जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

- हिंसा (आतंकवाद) से कोई भी लक्ष्य अपने पूर्ण रूप में हासिल हो सकता। 

- ये भी कटु सत्य है कि अपनी सुरक्षा में, स्वार्थ से उपजी हिंसा (आतंकवाद) को रोकने के लिये, अराजकता के उन्मूलन एवं व्यवस्था  कायम करने के लिये नपी-तुली एवं सटीक हिंसा 
भी आवश्यक है।

- अन्याय का समर्थन अन्याय है, आतंकवाद का समर्थन भी आतंकवाद ही है। 

- मानवीय रूप से, नैतिक रूप से गलत बातों - गलत व्यवहार का समर्थन करने वाला किसी भी देश - किसी भी समाज - किसी भी वर्ग का नहीं हो सकता। ऐसे लोगों को पहचानें और उनसे अपने आपको अलग और दूर रखें।

- आतंकवाद एक ऐसा व्यवहार है जिसमें तमाम निर्दोष लोगों की बलि चढ़ती है कुछ लोगों के स्वार्थ पूर्ति के लिये, इसलिये इसे किसी भी सभ्य समाज में सही नहीं माना जाता।

- आतंकवाद से किसी भी देश, धर्म या समाज का भला नहीं हो सकता इसलिये समस्याओं के समाधान के लिये, अपनी नाराजगी और असहमति व्यक्त करने के लिये दूसरे मार्ग अपनाये जाने चाहिये जो शांति और विकास में बाधक न हों।

नवरात्रि पर सभी के लिये सुख - शांति एवं समृद्धि की कामना सहित देश एवं समाज की सुरक्षा के लिये शहीद होने वाले सभी जवानों को हार्दिक नमन एवं श्रद्धांजलि !!!

................................ - विशाल चर्चित