विशाल सिंह (Vishaal Singh)
सोमवार, अप्रैल 04, 2022

न राह है - न चाह है - ना कहीं निगाह है...

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न राह है - न चाह है ना कहीं निगाह है, ना कहीं पर महफ़िलें ना ही वाह-वाह है... ना ही अब ख़ुशी बहुत ना ही अट्टहास है, ना तो कोई अजनबी ना ही कोई...
शुक्रवार, मार्च 18, 2022

होली का रंग है मिली इसमे भंग है...

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होली का रंग है मिली इसमे भंग है बुरा मानना मत निश्छल उमंग है... पीकर के पौवा बना शेर कौवा नशे मे खड़ा कर दिया एक हौवा... किसी का दुपट्टा जो ...

हमने फेंका गुब्बारा है भरके कई रंग...

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हमने फेंका गुब्बारा है भरके कई रंग आओ होली खेलें दोस्तों शुभकामना के संग जोगीरा सारारारारा - जोगीरा सारारारारा... खुशियों की अबीर बरसे और बर...
मंगलवार, मार्च 08, 2022

महिला दिवस पर एक मुक्तक

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#womens_day_kavita, #महिला_दिवस_पर_कविता
गुरुवार, फ़रवरी 10, 2022

टैडियों के डैडियों को प्यार थोड़ा दे दियो...

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ओ सारी लेडियों बंद करके रेडियो, टैडियों के डैडियों को प्यार थोड़ा दे दियो... कुछ तुम्हें है पता हम हैं सारे बे-खता, हम तुम्हारे प्यार में ऊप...
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गुरुवार, जनवरी 27, 2022

गाय भैंस बकरी और लिये साइकिल...

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पाँच राज्यों के चुनाव हैं ऊपर से आज गणतंत्र दिवस... ऐसे में जनता के दिल की आवाज हास्य - व्यंग्य के सुर में... गाय भैंस बकरी और लिये साइकिल ल...
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शनिवार, जनवरी 01, 2022

नया साल 2022 की नज्म...

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सबकुछ न बदले पर इतना तो बदले, कि इन्सान अपनी ही फितरत न बदले... मौसम न बदले तो तासीर बदले, हवाओं का रुख और खुशबू तो बदले... जीना न बदले मरना...
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विशाल सिंह (Vishaal Singh)
Mumbai, Maharashtra, India
हिन्दी कॉपीराइटर, लेखक व कवि (व्यंग्य) तथा शायर
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