शनिवार, जनवरी 01, 2022

नया साल 2022 की नज्म...

alt="NAYE SAAL 2022 KI NAZM"

सबकुछ न बदले
पर इतना तो बदले,
कि इन्सान अपनी ही
फितरत न बदले...

मौसम न बदले
तो तासीर बदले,
हवाओं का रुख और
खुशबू तो बदले...

जीना न बदले
मरना न बदले
मगर बीच की जंग
का मंजर तो बदले...

रिश्ते न बदलें
जमाना न बद्ले
मगर नकली दिखना
दिखाना तो बदले...

नेता न बदलें
सियासत न बदले
जनता का बातों
में आना तो बदले...

कहते हैं चर्चित
नये साल पर ये
कि यारों का यूं
मुस्कुराना न बदले...

- VISHAAL CHARCHCHIT

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