हे काल पुरुष है नमन तुम्हें
इस जन्मदिवस के अवसर पर,अरे आज तो कुछ बोलो मुख से
इस जन्मदिवस के अवसर पर....
राजनीति है दिशाहीन
चहुँ ओर व्याप्त अंधियारा है,
लोकपाल पर सब चकराए
हर दल इस पर हारा है....
नेतृत्व तुम्हारा स्मरण हो रहा
जब पक्ष - विपक्ष था नत - मस्तक,
सारे घटकों में थी एकता
एक तुम सत्ता में थे जब तक....
अमरीका रह गया देखता
भारत परमाणु शक्ति बन बैठा,
समस्त विश्व को बता दिया कि
देश आत्मनिर्भर हो बैठा....
कारगिल के बाद पाक को
सबसे अलग - थलग करवाया,
आतंकवाद का केंद्र यही है
यह पूरे विश्व से मनवाया....
यदि रह जाते कुछ वर्ष और
एक महाशक्ति होता ये देश,
कुछ क्षुद्र समस्याओं में ऐसे
कभी नहीं उलझता ये देश....
माना कि आयु हुई बाधक
और स्वास्थ्य भी साथ नहीं देता,
पर आप चुप रहे हर समस्या परसच, मानने का मन नहीं होता......
ईश्वर से आपके सुदीर्घ जीवन की
विशेष कामना के साथ
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